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आपदा प्रबंधन एवं बाढ़ राहत संबंधी बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश
नीमच 3 जून 2025, वर्षाकाल में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से उत्पन्न समस्याओं से निपटने और जन सुरक्षा के लिए किए जाने वाले उपायों के संबंध में कलेक्टर श्री हिमांशु चंद्रा की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक में अतिवर्षा एवं बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारी के संबंध में शासन से प्राप्त निर्देशों पर बिंदुवार विचार विमर्श कर, बाढ़ प्रभावित होने वाले ग्रामों ओर वहां की जाने व्‍यवस्‍थाओं की तैयारियो की समीक्षा की गई। बैठक में एस.पी.श्री अंकित जायसवाल, जिला पंचायत सीईओ श्री अमन वैष्‍णव, एडीएम श्रीमती लक्ष्‍मी गामड़, अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक श्री नवलसिह सिसोदिया, संयुक्‍त कलेक्‍टर श्री राजेश शाह, डॉ.ममता खेड़े, सभी एसडीएम, एसडीओपी, सभी सीएमओ एवं जनपद सीईओ व जिला अधिकारी उपस्थित थे।
पुल,रपटों की स्थिति एवं मरम्मतः-बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले की पुरानी क्षतिग्रस्त पुलियाओं को चिन्हित कर, क्षतिग्रस्त पुलिया, रेलिंग की मरम्मत कराये। ऐसे पुल पुलिया जो बाढ़ एवं अतिवृष्टि में डूब जाते हैं, उन पर निगाह रखी जावे। सभी पुलो एवं रपटों पर रेलिंग पिलर आदि ठीक हालत में लगे हो, जहां आवश्यक हो मरम्मत भी कराये। पुल, रपटों पर चेतावनी बोर्ड भी लगाएं। बैठक में बताया गया, कि जलमग्न सड़कों पर से वाहन चालक अपनी जोखिम पर वाहन ले जाने का प्रयास करते हैं। पुलों पर बाढ़ का पानी बढ़ने पर यातायात को नियंत्रित एवं चिन्हित कर चेतावनी बोर्ड लगाया जाए तथा पुल, पुलिया पर बैरिकेट्स लगाए। अतिवृष्टि होने से पुल पुलिया के ऊपर पानी बहने की स्थिति होने पर लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी व होमगार्ड की ड्यूटी लगाएं। पुल पुलिया पर चिन्हित खतरे वाली स्थिति में कोई वाहन पार न हो। उल्‍लघंन करने पर दोषी वाहन चालकों के विरूद्ध कार्यवाही की जावे। मार्ग में यदि कोई वाहन क्षतिग्रस्त हो जाए, तो उसे निकालने हेतु जहां तक संभव हो क्रेन की तत्काल व्यवस्था की जाए।
बाढ़ प्रभावित गांवों में पेयजल व्यवस्थाः-कलेक्टर ने निर्देश दिए कि गांधी सागर बांध एवं अन्य संभावित डूब प्रभावित गांवों में बंद पड़े हैंडपंपों का निरीक्षण कर एक सप्ताह में अनिवार्य रुप से चालू कराये, और जिन क्षेत्रों में पेयजल स्त्रोत बाढ़ के पानी से घिर जाएं। ऐसे क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु वैकल्पिक स्त्रोंतों को चिन्हांकित कर लिया जावे। बाढ़ एवं वर्षा का पानी भर जाने से बीमारियों का प्रकोप होने की संभावना रहती है। ऐसे क्षेत्रों के कुओं आदि में ब्लीचिंग पाउडर क्लोरीन डलवाने की व्यवस्था की जावे।
संपर्क विहीन ग्रामों की पंचायतों में आवश्‍यक, पर्याप्‍त खाद्य सामग्री प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जाना सुनिश्चित करें। वर्षाकाल में स्‍कूलों, छात्रावासों में स्वच्छ पेयजल उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मोटरबोट एवं नावों की व्यवस्थाः-कलेक्टर ने निर्देश दिए, कि जल संसाधन विभाग व मत्स्य पालन विभाग के पास उपलब्ध मोटरबोट का परीक्षण कर चालू स्थिति में रखा जावे। आवश्यकता होने पर मत्स्य महासंघ रामपुरा के मोटरबोट एवं नावों को उपयोग में लिया जावे। बाढ़ नियंत्रण हेतु उपलब्ध शासकीय अर्द्धशासकीय एवं निजी स्त्रोंतों से उपलब्ध होने वाली समस्त बाढ़ बचाव सामग्री की सूची तैयार की जावें, किसके आधिपत्य में हैं उनसे संपर्क हेतु नाम पता दूरभाष क्रमांक आदि की जानकारी रखे और आपस में संवाद कर जानकारी का सत्‍यापन कर लें।
बचाव सामग्री की व्यवस्थाः-बैठक में निर्देश दिए गए, कि बाढ़ से बचाव एवं राहत सामग्री तथा लालटेन, खाली ड्रम, रस्सियां, बांस, बल्ली, टांर्च, ट्यूब, केरोसीन एवं अन्य राहत सामग्री की अग्रिम व्यवस्था प्रत्येक नियंत्रण कक्ष पर की जावे। सभी अनुविभागीय अधिकारी इसकी समीक्षा कर पता लगाएं, कि उपलब्ध सामग्री पर्याप्त है या नहीं आवश्यकता होने पर सामग्री की मांग की जावे । पहुंच विहीन ग्रामों में खाद्य सामग्री आदि की व्यवस्था:-वर्षाकाल में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से जिले के ऐसे ग्राम जिनका वर्षाकाल में मुख्यालय के पहुंच मार्ग से सड़क संपर्क टूट जाता है, उन्हें चिन्हित कर, ऐसे गांवों में आवश्यक खाद्य सामग्री, मिट्टी का तेल, दवाइयां आदि की पर्याप्त व्यवस्था अविलंब वर्षा प्रारंभ होने से पूर्व की जाए। माह जून एवं जुलाई का राशन कोटा अग्रिम देने की व्यवस्था की जाए।
वर्षाकाल में संक्रामक रोगों से बचाव एवं रोकथामः-वर्षा से संक्रामक बीमारियां जैसे, हैजा,आंखों की बीमारी आदि अन्य बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जावें। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिविल डिस्पेंसरी आयुर्वेदिक औषधालयों पर हेजे के टीके एवं अन्य संभावित संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा के लिए आवश्यक जीवन रक्षक औषधियां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाएं। सभी गांव में डिपो, होल्डर एवं जन स्वास्थ्य रक्षक आदि को भी आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध कराये।
पशुओं की बीमारियों से बचावः-बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामों में पशुओं की बीमारी से रोकथाम के लिए सभी पशु चिकित्सकों को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की डोज व अन्य आवश्यक दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाए। पशुओं का टीकाकरण प्रारंभ किया जाए।
बाढ प्रभावित क्षैत्रों में प्रशिक्षण शिविर लगाये तथा आवश्यक होने पर उप संचालक पशु चिकित्सा, एसडीएम के सहयोग से आवश्यक कार्रवाई करें। शहरों मे नालियों की सफाईः-बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए, कि बाढ़ की स्थिति में शहरों अथवा आबादी से लगे नदी नाले, घरों की सफाई वर्षा पूर्व 15 जून 2022 तक करवाई जाये। यह सुनिश्चित कर लिया जाए, कि नालियों के चोक होने से आवासीय बस्ती में बाढ़ का पानी घुसने की संभावना नहीं है। ऐसी बस्तियां जो नदी नालों के किनारे तथा निचले क्षेत्रों में अनाधिकृत रूप से बस्ती है, वहां जल स्तर बढ़ने पर बाढ़ आने की संभावना ना रहे, ऐसी बस्तियों को आवश्यकता होने पर अन्यत्र वैकल्पिक स्थान पर बसाने संबंधी स्थान को चिन्हित करने संबंधी कार्यवाही पूर्व से की जाना सुनिश्चित करें।
बांधों व जलाशयों की मरम्मतः- कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में स्थित सभी पुराने बांधों तालाबों की पालों का निरीक्षण कर, आवश्यकतानुसार मरम्मत तत्काल करवाएं। नव निर्मित बांध,तालाबों पर भी निगरानी रखी जावे।
पुल पर पानी हो, तो वाहन नहीं निकाले:- पुलिस अधीक्षक श्री अंकित जायसवाल ने बैठक में कहा, कि यातायात थाना प्रभारी एवं आर.टी.ओ., सभी वाहन चालकों, मालिको, संगठनों की बैठक कर, उन्‍हें यह समझाईश दे, कि पुल, पुलियाओं, रपटों पर बाढ़ का पानी बह रहा हो, तो उस पर से वाहन नहीं निकाले। स्‍कूल वाहन संचालकों और स्‍कूल बस चालकों को भी इस संबंध में सख्‍त हिदायत दे।
विद्युत तारों से सुरक्षा के प्रबंध:- कलेक्‍टर श्री चंद्रा ने अधीक्षण यंत्री म.प्र.प.क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को निर्देश दिए कि वे वर्षाकाल में यह सुनिश्चित करें, कि बिजली के तार नीचे लटक रहे हो, नीचे हो, तो उन्‍हें ठीक करवाएं। यदि खम्‍बे बारिश में झुक गये हो और विद्युत तार नीचे हो, तो उन्‍हें तत्‍काल ठीक करवाये। विद्युत से सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम करें। वर्षाकाल में कोई जन हानि ना हो:-कलेक्‍टर श्री हिमांशु चंद्रा ने निर्देश दिए हैं कि वर्षाकाल में कहीं भी जन हानि न हो। इसके लिए एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार, थाना प्रभारी अपने क्षेत्रों में आवश्‍यक प्रबंध करें। संबंधित अमला सजग एवं सतर्क रहे और आम जनता को आगाह भी करें ताकि कोई दुघर्टना ना हो। अतिवर्षा या बाढ़ की चुनौतियों से निपटने के लिए समन्वय में कोई कमी नहीं रहना चाहिए। कलेक्‍टर श्री चंद्रा ने निर्देश दिए कि लोक निर्माण विभाग ऐसे पुल-पुलियों की जानकारी संकलित करें, जहां पूर्व में दुर्घटनाएं हुई हैं, ऐसे रपटों और पुलों पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करे। पुलों पर पानी का भराव हो तो लोगों को न जाने दें। बांधों से पानी छोड़ें तो प्रभावित होने वाले क्षेत्रों को पहले से अलर्ट करें। तैराक दल भी ऐसे स्थानों पर उपलब्ध रहें।
स्थानीय स्तर पर तालमेल रहे। जिलों और तहसीलों की परस्पर जानकारी रहे। अतिवर्षा की स्थिति और बाढ़ की चुनौती से निपटना है। कोई जनहानि न हो, इसके लिए सजग रहें। निरंतर मानीटरिंग होती रहे। कंट्रोल रूम की ड्यूटी वाले अधिकारी- कर्मचारी 24 घंटे सजग और सतर्क रहें। जरूरत के अनुसार स्काउट-गाइड और सेवा भावी संस्थाओं की सेवाएं अतिवर्षा की स्थिति में प्राप्त करें। पिकनिक स्‍थलों पर आवश्‍यक प्रबंध करें:- कलेक्‍टर एवं एसपी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में विभिन्‍न पिकनिक स्‍थलों पर बारिश में भीड़ बढने लगती है। सुखानंद, झरनेश्‍वर एवं अन्‍य स्‍थानों पर आमजनों, पर्यटकों की सुरक्षा के पर्याप्‍त इंतजाम किए जाए। ऐसे पिकनिक स्‍थान पर चेतावनी बोर्ड लगाए, 24 घण्‍टे के लिए कर्मचारियों की टीम तैनात करें और माईक लाउड स्‍पीकर आदि के माध्‍यम से पर्यटकों, लोगो को सुरक्षा के लिए सतर्क करते रहे। ऐसी व्‍यवस्‍था की जाए।