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नीमच। श्रीमान रवि कुमार बौरासी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, नीमच द्वारा वध हेतु गौवंश का अवैध परिवहन करने वाले 02 आरोपीगण (1) मोहम्मद खलीक पिता मोहम्मद सलीम कुरैशी, उम्र-28 वर्ष, निवासी-बिहारगंज, नीमच तथा (2) सद्दाम कुरैशी पिता नवाब कुरैशी, निवासी-पिपली चौक, जिला नीमच को धारा 4/9 मध्यप्रदेश गौवंश प्रतिषेध अधिनियम, 2004 के अंतर्गत 03 वर्ष का कठोर कारावास व 5000 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 6/9 मध्यप्रदेश गौवंश प्रतिषेध अधिनियम, 2004 के अंतर्गत 01 वर्ष का कठोर कारावास व 5000 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 6(ख)(2) मध्यप्रदेश कृषि पशु परिरक्षण अधिनियम, 1959 के अंतर्गत 01 वर्ष का कठोर कारावास व 1000 रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओं श्री रितेश कुमार सोमपुरा द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 07 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 03.03.2018 को शाम के लगभग 6ः30 बजे मंदसौर-नीमच फोरलाईन स्थित सगरग्राम पुलिया की हैं। थाना जीरन में पदस्थ उपनिरीक्षक पन्नालाल दायमा को आरक्षक विकास और आरक्षक राजेन्द्रसिंह ने फोन लगाकर बताया कि सगरग्राम पुलिया पर एक पिकअप वाहन जिसका पिछला पहिया निकल जाने से क्षतिग्रस्त अवस्था में वाहन खडा हैं, जिसमें ठूंस-ठूंस कर 06 केड़े भरे हुए हैं, जिन्हे वध हेत महाराष्ट्र ले जाया जा रहा था। मौके पर आमजन ने वाहन चालक और उसके साथ बैठे व्यक्ति को पकड रखा हैं। उपनिरीक्षक पन्नालाल दायमा द्वारा मौके पर जाकर पिकअप वाहन व 06 केड़ो को जप्त किया गया व दोनों आरोपी मोहम्मद रफीक एवं सद्दाम को गिरफ्तार किया गया तथा अपराध पंजीबद्ध करके विवेचना की गई। दोनों आरोपियों के पास केड़ों को परिवहन का कोई वैध परमिट या वैध लाईसेंस नहीं होना पाया गया। आरोपीगण ने पूछताछ में पिकअप वाहन का स्वामी मोहम्मद खलीक होना पाया गया, जिसे प्रकरण में आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया जाकर एवं आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में विचारण के दौरान आरोपी रफीक के फरार हो जाने से आरोपी मोहम्मद खलीक एवं सद्दाम के संबंध में निर्णय पारित किया गया।
विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में पंचसाक्षी एवं विवेचक सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुवे आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री रितेश कुमार सोमपुरा, एडीपीओ द्वारा की गई।