
नीमच 12 जुलाई 2025, कलेक्टर श्री हिमांशु चंद्रा के मार्गदर्शन में नीमच जिले में राजस्व
विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा शासकीय जमीनों के सरंक्षण एवं अवैध अतिक्रमण हटाने के
अभियान का लिए अभियान चलाया जा रहा है । इस अभियान के तहत शुक्रवार को मनासा के
बरलाई में 10 लाख रूपये मूल्य की 0.05 हेक्टेयर भूमि एवं ग्राम चेनपुरा में 0.11 हेक्टेयर
भूमि शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया है।
इस संबंध में प्रारंभ जानकारी अनुसार कलेक्टर श्री हिमांशु चंद्रा को जनसुनवाई में अन्नू
कुँवर पति गोवर्धन सिंह राजपूत निवासी ग्राम चैनपुरा द्वारा शिकायत की जा रही थी कि गांव
के ही मांगू सिंह पिता भारत सिंह राजपूत द्वारा उसकी जमीन के आगे पक्का निर्माण किया जा
रहा है और उसका आने. जाने का रास्ता रोक दिया है। तहसीलदार नीमच ग्रामीण श्री संतोष
कुमार ने बताया कि जांच में पाया गया कि अन्नू कुँवर का रास्ता मुख्य मार्ग से होकर है और
चालू है। दोनों पक्ष शासकीय भूमि पर अतिक्रमण को लेकर आपस में विवाद कर रहे थे।
न्यायालय तहसीलदार नीमच ग्रामीण में प्रकरण दर्ज करके उभयपक्षों की सुनवाई की गई और
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण पाए जाने पर दोनों पक्षों के विरुद्ध बेदखली आदेश जारी कर
स्वयं से अतिक्रमण हटाने हेतु समय दिया गया ।परंतु अतिक्रमणकारियों ने अपना अतिक्रमण
नहीं हटाया। इस पर एसडीएम श्री संजीव साहू के मार्गदर्शन तहसीलदार नीमच ग्रामीण श्री संतोष
कुमार ने शुक्रवार को राजस्व विभाग की टीम के साथ ही ग्राम पंचायत के सहयोग से मौके से
अतिक्रमण हटाकर ग्राम के बीच स्थित 0.11 हेक्टेयर बहुमूल्य शासकीय भूमि को अतिक्रमण
मुक्त करवाया गया है ।
इस अभियान के तहत एसडीएम मनासा श्री पवन बारिया के निर्देशन में राजस्व विभाग
की टीम ने शुक्रवार को ग्राम बरलाई में शासकीय जमीन से अतिक्रमण हटाकर, 10 लाख रुपए
मूल्य की शासकीय जमीन को कब्जे से मुक्त करवाया गया।एसडीएम श्री पवन बारिया ने
बताया, कि तहसीलदार रामपुरा श्री मृगेन्द्र सिसोदया एवं राजस्व विभाग की टीम ने शुक्रवार
को ग्राम बरलाई में जे.सी.बी. की सहायता से0.05हैक्टेयर शासकीय जमीन पर कुछ ग्रामीणों
द्वारा रोड़ी डालकर किया गया, अवैध कब्जा, अतिक्रमण हटाया गया हैं। अतिक्रमण मुक्त
कराई गई जमीन का मूल्य लगभग 10 लाख रुपए है
उल्लेखनीय है कि जिला कलेक्टर श्री हिमांशु चंद्रा के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन एवं
राजस्व विभाग द्वारा जिले में शासकीय जमीनों के संरक्षण और रास्ता विवादों के निराकरण के
लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं।